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How Jawan Became Blockbuster | SRK

साल 2018 में एक फिल्म (Film) रिलीज हुई जिसका नाम था जीरो (Zero) | फिल्म में थे बादशाह खान यानी शाहरुख़ खान | फिल्म का नाम ही जीरो नहीं था बल्कि बॉक्स (Box) ऑफिस (Office) पर भी फिल्म जीरो ही साबित हुई | फिल्म का बजट (Budget) था 200 करोड़ जबकि फिल्म महज 186 करोड़ ही कमा (Earn) सकी थी | साल 2017 में शाहरुख़ (Shahrukh Khan) की दो फ़िल्में रिलीज (Release) हुईं | जब हैरी मेट सेजल और रईस | जबकि 2016 में डिअर (Dear) जिन्दगी और फैन जैसी फ़िल्में रिलीज हुईं | अगर जीरो को छोड़ दिया जाये तो तो बाकी जितनी भी फिल्मों के नाम हमने यहाँ गिनाये उन्होंने खूब कमाई की | लेकिन फिर भी कमाई का ये आंकड़ा (Figure) शाहरुख़ के कद से मैच (Match) नहीं करता | एक जमाना था जब शाहरुख़ खान का किसी फिल्म में होना फिल्म के ब्लाक (Block) बस्टर (Buster) होने की गारंटी (Guarantee) हुआ करता था | उनकी फ़िल्में देखने के लिए सिनेमाघरों (Cinema’s) में भीड़ टूटा करती थी | उनकी मासूम अदाओं पर बच्चे, लड़कियां, यहाँ तक की उम्रदराज महिलाएं भी फ़िदा हुआ करती थीं | उनकी फैन फालोइंग (Following) विदेशों में भी जबर्दस्त थी | DDLJ में तो उनका जादू इस कदर सिर चढ़कर बोला कि फिल्म रिलीज होने के 27 साल बाद भी मुंबई (Mumbai) के मराठा मन्दिर थियेटर (Theater) में लगातार चल रही है | वो बॉलीवुड के किंग खान और बादशाह खान कहे जाने लगे | लेकिन ऐसा क्या हुआ कि उनकी फ़िल्में भी एवरेज (Average) कलेक्शन (Collection) करने लगीं | उनकी दीवानी फैन फालोइंग थियेटर (Theatre) से गायब रहने लगी | ऐसा लगा कि उनका क्रेज (Crez) खत्म होने लगा है | उम्र (Age) और नए स्टार (Star) दोनों ही उनके स्टारडम (Stardum) पर भारी पड़ने लगे | लेकिन ये वो सितारा है जिसने मेहनत की तपिश में तपाकर खुद को निखारा है | वो पहले भी गिरा है और हर बार पहले से ज्यादा ताकत और जूनून (Obsessions) से उठा है | इस साल की शुरुआत (beginnings) में जब पठान आई तो उसने ये बात सच (Truth) साबित कर दी | हालाँकि शाहरुख खान के स्टारडम से चिढ़ने वाले लोगों ने अपने मन को बहलाने के लिए तमाम किस्से (Story) गढ़ लिए | ऐसे लोगों ने पठान की सफलता का क्रेडिट शाहरुख़ खान को देने के बजाय कभी बेशरम (Besharam) रंग गाने पर उठे विवाद को तो कभी कॉर्पोरेट (Corporates) बुकिंग (Booking) को दिया | शाहरुख़ चुपचाप सब सुनते रहे देखते रहे | क्योंकि बेहतर इन्सान (Human) वो है जो अपनी आलोचनाओं (Criticisms) का जवाब जुबान से नहीं बल्कि अपने काम से देता है |

Jawan (Movie)

7 सितम्बर 2023 | अलसाई सुबह | देर रात तक जगने वाली मुंबई (Mumbai) अभी सो ही रही थी | लेकिन मुंबई के एक छोर पर कुछ हो रहा था | लोगों का हुजूम बढ़ा चला जा रहा था | हाथों में तख्तियां (placards), दिलों में जोश और रगों में तूफ़ान लिए लोगों के कदम बढ़ रहे थे मुंबई के बेहद पॉपुलर (Popular) थियेटर गीती गैलेक्सी की तरफ | जी हाँ गीती गैलेक्सी जहाँ होने वाला था शाहरुख़ खान की मच (Much) अवेटेड (Awaited) फिल्म जवान (Jawan) का फर्स्ट (Frist) डे (Day) फर्स्ट (Frist) शो (Show)| रिपोर्ट्स (Reports) की मानें तो ये पहली हिंदी (Hindi) फिल्म (Film) है जिसका पहला शो (Show) सुबह (Mornings)  6 बजे का था | थियेटर (Theatre) तक पहुँचते पहुँचते लोगों का जोश जश्न और धीरे धीरे जश्न एक त्यौहार (Festival) में तब्दील हो गया | ढोल नगाड़ों के साथ झूमते नाचते लोगों की भीड़ (Crowed) अलसाई सी सुबह को एक नई ऊर्जा (Energy) दे रही थी | ये लोग कोई और नहीं बल्कि शाहरुख़ के डाई hard फैन थे | भला इतनी सुबह सुबह फिल्म देखने और कौन जा सकता है | लेकिन शाम होते होते फिल्म शाहरुख़ खान ने उन लोगों को भी अपना दीवाना बना डाला जो अब तक उनसे चिढ़ा करते थे या फिर नफरत किया करते थे | उन्होंने साबित (Proved) कर दिया कि बॉलीवुड (Bollywood) में सिर्फ एक ही किंग (King) है और वो है किंग खान शाहरुख़ खान | आज के इस पोस्ट में भूमिका थोड़ी ज्यादा ही लम्बी हो गई लेकिन बात जब शाहरुख़ खान की हो तो उनके लिए शब्दों (Words) की सीमायें मायने नहीं रखतीं | आज के पोस्ट में हम जानने समझने की कोशिश (Try) करेंगे उन वजहों की जिसके चलते जवान तमाम रिकार्ड्स (Records) ध्वस्त (Destroy) कर रही है | हाँ हम ये पहले ही साफ कर दें कि ये फिल्म (Film) जवान का रिव्यु (Review) तो बिलकुल नहीं है |

1. नार्थ साउथ का मिलन –

इसमें कोई दोराय नहीं कि अब साउथ (South) फिल्म इंडस्ट्री (Industry) बॉलीवुड (Bollywood) से कहीं आगे निकल चुकी है | Confederation of Indian Industry यानी CII की एक रिपोर्ट (Report) के मुताबिक साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री (Industry) ने साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में 96 परसेंट (Perfect) की ग्रोथ (Growth) की है | जो अपने आप में अदभुत है | इसी साल साउथ फिल्म इंडस्ट्री (Industry) का पूरी इंडियन (Industry) फिल्म इंडस्ट्री के रेवेन्यु (Revenue) में 52 परसेंट (Percentage) से भी ज्यादा की हिस्सेदारी (Partnerships) थी | यानी मतलब एकदम साफ़ है | टालीवुड (Tollywood) बहुत तेजी से बॉलीवुड पर हावी होता जा रहा है | ऐसे में जब बॉलीवुड और टालीवुड एक साथ आये तो कमाल तो होना ही था | जवान के डायरेक्टर (Director) से लेकर तमाम एक्टर तक साउथ से ही हैं | फिल्ममेकर्स (Film Makers) की जरूर कोशिश रही होगी कि जवान को पैन (Pan) इंडिया (India) फिल्म बनाया जाये | शाहरुख़ खान, बॉलीवुड और टालीवुड का संगम जब होगा तो निश्चित (Fixed) रूप से एक ऐसा प्रोडक्ट (Product) तैयार होगा जो पूरे भारत में तहलका मचा देगा | और ठीक यही हुआ भी | वैसे भी शाहरुख़ का स्टारडम उत्तर (North) से दक्षिण (South) तक है | उनकी फैन (Fan) फालोइंग (Following) सीमाओं से परे है |

हालाँकि ऐसा नहीं है कि पहले ऐसे प्रयास (Attempt) नहीं हुए | चेन्नई (Chennai) एक्सप्रेस (Express) और सलमान खान की किसी का भाई किसी की जान में भी कुछ ऐसी ही कोशिश की गई थी लेकिन इस बार तीर एकदम निशाने पर लगा है | सोचने की बात है कि हमारे भारत की फिल्मों में क्षेत्रवाद इस कदर हावी है कि जाने अनजाने ही हम दूसरे के ही दुश्मन (Enemy) बन बैठे हैं | बॉलीवुड और टालीवुड में एक जंग (War) छिड़ी रहती है | दोनों में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ (Competition)  लगी रहती है | दोनों को साथ लेकर चलने की बात शायद ही कोई करता हो | लेकिन इस बार एक कामयाब (Successful) कोशिश हुई है | इंडियन (Indian) सिनेमा (Cinema) के लिए ये शुभ संकेत (Signal) हैं क्योंकि अगर पूरी सच्चाई और मेहनत के साथ दोनों मिलकर कम करें तो इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारे यहाँ की फ़िल्में भी इतिहास (History) रच सकती हैं |

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2. Come back of Shahrukh Khan-

वैसे तो शाहरुख खान ने पठान से ही अपनी खोई बादशाहत हासिल (Achieve) कर ली थी | लेकिन पठान को लेकर कई विवाद (Controversy) भी हुए | कभी ‘बेशरम रंग’ गाने को लेकर तो कभी टिकटों की कॉर्पोरेट (Corporate) बुकिंग (booking) को लेकर | शाहरुख़ पर आरोप (Blame) लगे कि ये सब उन्होंने खुद अपनी खोई बादशाहत हासिल करने के लिए किया | लेकिन जवान एक ऐसी फिल्म (Film) निकली जिस पर किसी तरह का कोई विवाद (Controversy) नहीं हुआ | इसमें कोई दोराय नहीं कि पठान (Pathan)से पहले शाहरुख का स्टारडम धीरे धीरे ही सही लेकिन फीका पड़ने लगा था | उनकी पिछली कई फ़िल्में सफल (Success) जरूर रहीं लेकिन उनका वो स्टारडम खोया खोया सा लगा | न वो स्पार्क (Spark) दिखा न ही दीवानगी | शाहरुख़ का कद (Height) ही इतना बड़ा है कि एक औसत (Average) फिल्म उनके लिए फ्लॉप (Flop) जैसी ही लगती है | लोग मान चुके थे कि शाहरुख़ चुक गये हैं या उन पर उम्र (Age) हा वी होने लगी है | उनकी उम्मीद (Hope) से कम सफलता (Success) ने बॉलीवुड में एक बड़ा शून्य पैदा कर दिया जिसे भरना नामुमकिन (Impossible) जरूर था लेकिन फिर भी तमाम एक्टर (Actor) तैयार बैठे थे | युवा पीढ़ी भी उन्हें छोडकर नए चेहरों (Faces) में भविष्य (Future) देखने लगी थी | लेकिन पठान फिल्म में शाहरुख़ खान का डायलाग (Dialogs) था कि नये लोगों के भरोसे (Trust) नहीं छोड़ सकते | फिल्म जवान ने ये साबित कर दिया है कि शाहरुख़ की जगह अभी खाली नहीं है | युवा कलाकारों (Artists) को अभी बहुत मेहनत करनी है और लम्बा रास्ता तय करना है |

आप लोगों को याद होगा कि पठान की रिलीज (Release) के समय शाहरुख़ ने कहा था कि वो फिल्म इंडस्ट्री (Industry) में एक्शन (Action) हीरो बनने आये थे लेकिन इंडस्ट्री ने उन्हें रोमांटिक (Romantic) हीरो बना दिया | और पठान में वो हार्डकोर (Hard core) एक्शन (Action) अवतार में दिखे | और उन्हें इस अवतार में देखते ही दर्शक (Audience) दंग रह गये | ऐसे में जब लोगों को पता चला कि जवान भी एक्शन (Action) पैक्ड फिल्म होगी तो लोगों की उत्सुकता (Curiosity) बढ़ गई | लोग देखना चाहते थे कि इस फिल्म में शाहरुख़ किस लेवल (Level) का एक्शन करने वाले हैं | यही वजह है कि फिल्म रिलीज होते ही लोगों की भीड़ थियेटरों में टूट पड़ी | फिल्म को डायरेक्ट (Direct) किया है साउथ के टैलेंटेड (Talent) एटली (Altee) ने | उन्होंने फिल्म को ऐसे अंदाज (Estimate) में पेश किया कि फिल्म उत्तर से लेकर दक्षिण (South) तक के दिलों में उतर गई | तभी तो फिल्म ने पहले ही दिन टोटल (total) 90 करोड़ का बिजनेस (Business) कर डाला | जिसमें से लगभग 27 करोड़ रूपये तो साउथ से ही कमाए | अगर दक्षिण में रिलीज (Release) होने वाली बॉलीवुड (Bollywood) फिल्मों की बात करें तो ब्रम्हास्त्र पार्ट वन शिवा के नाम बॉलीवुड के इतिहास (History) में दक्षिण में सबसे ज्यादा कमाई का रिकॉर्ड (Record) है | लेकिन इस फिल्म को भी 30 करोड़ कमाने में 10 दिन लगे थे | जबकि फिल्म ने साउथ से टोटल (Total) लगभग 60 करोड़ की कमाई की थी | इससे पहले ये रिकॉर्ड (Record) आमिर खान की फिल्म दंगल के नाम था जिसने साउथ बेल्ट (Best) से टोटल (Total) 26 करोड़ कमाए थे | हाँ एक फिल्म ने 30 करोड़ का आंकड़ा (Figure) पार किया है लेकिन वो एक हॉलीवुड (Holywood) फिल्म थी | जिसका नाम था एवेंजर्स (Avengers) – एंड गेम | ब्रम्हास्त्र (Brahmastra) के साउथ में इतनी ज्यादा कमाई के पीछे भी वही कनेक्शन (Connection) है जो जवान के पीछे है | इस फिल्म में जहाँ साउथ के सुपर (Super) स्टार नागार्जुन (Nagarjuna) थे वहीँ साउथ में फिल्म (Film) को खुद एस एस राजामौली (Rajamouli) ने प्रमोट (Promote) किया था | जिसका फायदा (Benefit) फिल्म को मिला | जवान फिल्म ने सारे रिकॉर्ड (Record) तोड़ दिए | रिलीज (Release) के दस दिनों में ही फिल्म के तमिल (Tamil) और तेलुगु (Telugu) वर्जन (Verson) ने 42 करोड़ का आंकड़ा (Figure) पार कर लिया है |

 

3. Return of Action Genre/ Family Genre

बॉलीवुड (Bollywood) पिछले लम्बे समय से तमाम तरह की कोशिशें (Efforts) करता रहा है | लेकिन इतिहास (History) गवाह है कि फ़िल्में इतिहास (History) बनाती हैं जिन्हें पूरी फैमिली (Family) के साथ देखा जा सके | पिछले कुछ समय से जो कंटेंट (Content) आ रहा था उसे अकेले (Alone) ही देखा जा सकता था | फिल्मों में उत्तेजक द्रश्यों गानों (Songs) की भरमार होती थी | बस जरा सा ही फासला रह जाता था उन फिल्मों की केटेगरी (Category) में आने से जिन्हें केवल बंद कमरों (Rooms) में ही देखा जा सकता है | हाँ पिछले कुछ समय से बॉलीवुड (Bollywood) में रीमेक (Remake) की भी बाढ़ सी आई हुई थी | एक्शन (Action) के साथ जब इमोशन (Emotional) मिल जाता है तो एक परफेक्ट (Perfect) फिल्म बनने की गुंजाईश बढ़ जाती है | यहाँ पर सनी (Sunny) देओल की फिल्म (Film) गदर 2 का जिक्र करना भी जरूरी है | गदर सिर्फ इसलिए ब्लाक (BLock) बस्टर नहीं बन गई क्योंकि उसमें भारत पाकिस्तान है | वो सिर्फ इसलिए ब्लाक बस्टर नहीं बनी क्योंकि उसमें जबर्दस्त एक्शन (Action) है | बल्कि वो इसलिए ब्लाक बस्टर बनी क्योंकि उसमें एक्शन (Action) के साथ इमोशन (Emotional) है | यही वो चीज है जो लोगों को किसी भी कहानी (Story) से कनेक्ट (Connect) करती है | जवान (Jawan) में भी तो इमोशन (Emotion) है | एक बेटे और उसके बाप की कहानी है | और जब बाओ बेटे (Son) की इस कहानी को एक्शन (Action) और बाकी मसालों की छौंक लगा के तैयार किया गया तो निकल कर आया जवान |

लोगों को हमेशा से ही रॉबिनहुड (Robin Hood) टाइप फ़िल्में पसंद आती हैं | सलमान खान की दबंग (Dabang) उसका एग्जाम्पल (Example) है | इस फिल्म में शाहरुख़ खान ने भी वही काम किया | वो सिस्टम (System) से लड़े (Fought) | हिंदुस्तान में शायद ही कोई ऐसा हो जो सिस्टम का सताया न हो | सिस्टम ने किसी को नहीं छोड़ा है | ऐसे में जब फिल्म का हीरो सिस्टम से लड़ता है तो उसे दर्शकों (Audience) का साथ तो मिलना ही है | इस फिल्म ने ये भी सिखाया (Learn) कि सवाल (Question) करना कितना जरूरी है | जनता का सवाल (Question) ही है जो सरकार को सोचने (Think) पर मजबूर कर सकता है | एटली (Altee) अपनी फिल्म के जरिये सोशल (Social) मैसेज (Massage) देने में भी कामयाब (Succes) हुए हैं | जरा याद करिये पुरानी फिल्मों का वो दौर जब फ़िल्में महज एंटरटेनमेंट (Entertenment) का साधन नहीं बल्कि सामाजिक (Social) बदलाव (Changes) लाने जरिया हुआ करती थीं | उनमें समाज के लिए कोई न कोई संदेश (Massages) जरूर छिपा होता था | लेकिन अब ये गुजरे ज़माने की बात हो चुकी है | एटली ने उसी दौर की याद ताजा करा दी |

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गदर के ब्लाकबस्टर (Blockbuster) होने के पीछे बड़ी वजह ये भी थी कि इसे लोगों ने नहीं बल्कि फैमिली (Family) ने देखा था | परिवार के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक ने मिलकर इसे थियेटर (Theatre)  में पूरे चाव से देखा था | ठीक ऐसा ही जवान के साथ भी है | फिल्म को फैमिली (Family) देखने जा रही हैं | जिसका अंदाजा इसके कलेक्शन (Collection) को देखकर लगाया जा सकता है | जवान देश की मिटटी से जुडी हुई फिल्म (Film) है | इसमें देश (Country) का जवान है तो देश का किसान भी है | देश के ये दो आधारभूत स्तम्भ (Pilar) लम्बे अरसे बाद एक साथ पर्दे पर दिखे हैं | वरना फिल्मों (Films) को देखकर तो ये लगने लगा था कि इस देश (Country) से किसान नाम के प्राणी का वजूद ही समाप्त हो चुका है |

 

4. शाहरुख़ और शाहरुख़ –

फिल्म में शाहरुख़ डबल (Double) रोल (Role) में हैं | यानी बाप (Faher) भी वही और बेटे भी वही | फिल्म पूरी तरह से शाहरुख़ (Shahrukh) खान की है | और कहना गलत नहीं होगा कि इस बार वो फुल (Full) फॉर्म (Form) में हैं | ऐसा लगता है कि पठान (Pathan) की सफलता (Success) से उनका कॉन्फिडेंस (Confidence) भी लौट आया है | हम फिल्म के बाकी कलाकारों को कम नहीं आंक रहे हैं लेकिन सच्चाई यही है कि पूरी फिल्म में शाहरुख़ ही हावी हैं | लोग थियेटर (Theatre) के अंदर झूम रहे हैं नाच (Dance) रहे हैं | कहीं कहीं से तो ऐसी खबरें (News) भी आई हैं जहाँ लोग शाहरुख़ की तरह चेहरे (fACE) पर पट्टी बांध कर फिल्म देखने जा रहे हैं | यही वो दीवानगी है यही वो जोश और जूनून है जो पिछली कुछ फिल्मों से मिसिंग था |

 

5. डायलाग, डायरेक्शन, कहानी और एक्टिंग-

कोई भी फिल्म (FILM) तब तक अच्छी नहीं बन सकती जब तक उसकी कहानी (Story), उसके डायलाग (Dialogue), उसका डायरेक्शन (Direction) और एक्टिंग (Acting) अच्छी न हो | हम इन चीजों का जिक्र आखिर में कर रहे हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये चीजें कम महत्वपूर्ण (Important) हैं | बल्कि कहानी तो किसी फिल्म का आधार है | जवान की कहानी डायरेक्टर (Direction) एटली (Atlee) ने ही लिखी है | और वाकई ये एकदम फ्रेश (Fresh) कहानी है | एक ऐसी कहानी जिससे दर्शक खुद को रिलेट कर सके | ग़दर (Gadar) के बाद जवान लगातार दूसरी बड़ी फिल्म है जिससे लोगों ने खुद को कनेक्ट (Connect) फील (Feel) किया है | और इसी का परिणाम (Result) है कि दोनों ही फिल्मों ने सिंगल (Singal) स्क्रीन थियेटर (Theatre) में जबर्दस्त कारोबार किया है | इसमें कोई दोराय नहीं कि दोनों ही फिल्मों की बदौलत सिंगल स्क्रीन थियेटरों (Theaters) में नई जान आई है | और बॉक्स ऑफिस में एक बार फिर से हरियाली छा गई है |

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एटली साउथ (South) में जाना माना नाम है | लेकिन जवान के बाद पूरा इंडिया (India) उनका फैन (Fan) हो चुका है | अब हिंदी दर्शक (Audience) भी उनका नाम जान चुके हैं | कहानी से लेकर डायरेक्शन (Direction) तक में उन्होंने खुद को साबित किया है | महज 37 साल के एटली का टैलेंट (Talent) देख कर हर कोई दंग है | डायलाग (Dialogue) को लेकर क्या ही कहा जाये | राइटर सुमित अरोड़ा ने तो कमाल ही कर दिया | फिल्म के तमाम ऐसे डायलाग्स  हैं जिन पर दर्शक जमकर तालियाँ पीट रहे हैं | इतना ही नहीं ये डायलाग्स लोगों की जुबान पर चढ़ चुके हैं | बाकी शाहरुख़ की एक्टिंग (Acting) की बात करें तो लोग जरूर सहमत होंगे कि ये उनके कैरियर (Career) का बेस्ट परफॉरमेंस (Performance) है | इनके अलावा फिल्म में अहम (Main) किरदारों (Character) में दिखे नयन तारा विजय (Vijay) सेतुपति सहित सभी कलाकारों ने भी अपना काम बखूबी किया है |

फिल्म जवान (Jawan) इस बात को साबित करती है कि अगर नार्थ (North) और साउथ (South) फिल्म इंडस्ट्री (Industry) अलग अलग न होकर एक इंडस्ट्री के तौर पर साथ काम करें तो परिणाम (Result) चौंकाने वाले हो सकते हैं | हम ये उम्मीद (Hope) करते हैं कि जवान के बाद ये सिलसिला और तेज हो | बाकी इस समय तो देश (Country) में बस जवान चल रहा है |

ये सही है कि जवान पर हमारा पोस्ट देर से आया है लेकिन इसकी भी वजह (Reason) है | हम उन चैनलों (Challenges) में नहीं जो कोई टॉपिक (Topic)  ट्रेंड (Trend) करते ही जल्दी जल्दी में उस पर विडियो परोस दें | हम बात करते हैं मुद्दे (Topic) पर | हम बाते करते हैं आंकड़ों पर | हम जानने समझने की कोशिश करते हैं बात को और उसके पीछे की वजह को | हम स्पष्ट (Clear) कर दें कि हम भेडचाल की हिस्सा (Part) नहीं हैं | हम जल्दबाजी (Bating)  में आप तक कुछ भी नहीं पहुंचाएंगे | लेकिन जब भी पहुंचाएंगे तो पहुंचाएंगे पूरी स्पष्टता, सटीकता और प्रमाणिकता के साथ | हाँ देरी की वजह से हम पर तमाम तरह के आरोप भी लगे जिसमें से ज्यादातर राजनीति (politic) से प्रेरित (Inspired) थे | जबकि हम राजनीति (Politics) पर कोई पोस्ट  करते ही नहीं | हाँ आरोप (Balme) लगाने वालों की अपनी राय (Suggestion) हो सकती है | लेकिन जरूरी ये है कि आरोप लगाने समय (Time) भाषा की मर्यादा न खोई जाये |


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